यूएई गोल्डन वीज़ा सिर्फ ₹23 लाख में! क्या यह सच है या सिर्फ प्रचार?
जब यूएई का गोल्डन वीज़ा आमतौर पर ₹4 करोड़ से भी अधिक निवेश की मांग करता है, तो ₹23 लाख में वीज़ा मिलने की खबर ने सोशल मीडिया और फाइनेंशियल सर्कल में हलचल मचा दी है।
क्या है यूएई गोल्डन वीज़ा?
यूएई गोल्डन वीज़ा एक दीर्घकालिक रेसिडेंसी वीज़ा है, जो विदेशियों को यूएई में रहने, काम करने या पढ़ाई करने की अनुमति देता है। इस वीज़ा के तहत कई फायदे मिलते हैं, जैसे—इनकम टैक्स, कैपिटल गेन्स टैक्स या इनहेरिटेंस टैक्स नहीं देना पड़ता।
यूएई सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अभी विदेशी नागरिक चार मुख्य श्रेणियों में इस वीज़ा के लिए आवेदन कर सकते हैं—
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बिजनेस इन्वेस्टर्स
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रियल एस्टेट इन्वेस्टर्स
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एंटरप्रेन्योर्स
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विशिष्ट प्रतिभाओं वाले व्यक्ति (जैसे डॉक्टर, वैज्ञानिक, छात्र, मानवतावादी कार्यकर्ता, और फ्रंटलाइन हीरो)।
इन सभी श्रेणियों में निवेश की सीमा ₹1.16 करोड़ से शुरू होकर ₹4 करोड़ से ऊपर तक जाती है। कुछ प्रोफेशनल्स जिनकी सैलरी ₹11 लाख प्रति वर्ष है, और विशेष छात्र भी आवेदन कर सकते हैं।
₹23 लाख में गोल्डन वीज़ा?
PTI की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि केवल ₹23 लाख के निवेश से एक नया 'नॉमिनेशन-आधारित इमिग्रेशन रूट' शुरू किया गया है, जिससे भारतीयों में खासा उत्साह देखा जा रहा है।
क्या यह वाकई में नई श्रेणी है?
Acquest Advisors के सीईओ परेश कारिया के अनुसार, 'नॉमिनेशन-बेस्ड वीज़ा' असल में कोई नई व्यवस्था नहीं है, बल्कि यूएई की मौजूदा गोल्डन वीज़ा प्रणाली की एक “रीब्रांडिंग” और अधिक पारदर्शी रूप है।
उन्होंने बताया, “यूएई लंबे समय से ऐसे व्यक्तियों को नॉमिनेशन के ज़रिए दीर्घकालिक रेसिडेंसी देता रहा है—जैसे सफल उद्यमी, पेशेवर, वैज्ञानिक, कलाकार और निवेशक। अब फर्क सिर्फ इतना है कि इस प्रक्रिया को ज्यादा स्ट्रक्चर्ड और सार्वजनिक किया गया है।”
अब क्या बदला है?
पहले यह नॉमिनेशन प्रणाली आम लोगों की पहुंच से दूर और इनविटेशन-आधारित थी। अब धीरे-धीरे इसके लिए स्पष्ट मानदंड सामने आ रहे हैं, जैसे न्यूनतम सैलरी, निवेश की सीमा या राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धियाँ।
परेश कारिया का कहना है कि अब योग्य लोग अधिक सक्रिय होकर इस वीज़ा के लिए स्वयं को नामांकित करने की कोशिश कर सकते हैं—अक्सर किसी स्थानीय प्रायोजक या अधिकृत एजेंसी की मदद से।
भारतीयों में बढ़ रही है रुचि
बीते एक साल में खासतौर पर भारतीय पेशेवरों, कारोबारियों और निवेशकों के बीच इस नॉमिनेशन-आधारित वीज़ा के प्रति रुचि तेज़ी से बढ़ी है। लोग अब अपनी प्रोफाइल को इस तरह तैयार कर रहे हैं कि वे यूएई की ‘योग्यता-आधारित’ श्रेणियों में फिट हो सकें।
यूएई की नई रणनीति
अब यूएई की वीज़ा नीति में भी बदलाव देखने को मिल रहा है—जहां पहले निवेश पर आधारित मॉडल था, अब वहां प्रतिभा, कौशल और आर्थिक योगदान पर आधारित मॉडल को प्राथमिकता दी जा रही है।
क्या ₹23 लाख में वीज़ा मिल जाएगा?
नहीं, ₹23 लाख में सीधे यूएई गोल्डन वीज़ा नहीं मिलेगा। यह राशि केवल नॉमिनेशन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए हो सकती है। इसके बाद आपको अपनी आर्थिक या सामाजिक उपयोगिता साबित करनी होगी ताकि सरकार आपको वीज़ा प्रदान करे।
रियल एस्टेट या बिजनेस इन्वेस्टमेंट के लिए क्या है शर्तें?
यूएई गोल्डन वीज़ा पाने के लिए रियल एस्टेट में कम से कम 2 मिलियन AED (लगभग ₹4.66 करोड़) का निवेश ज़रूरी है।
क्रिप्टो या रियल एस्टेट नहीं, तो क्या विकल्प है?
नॉमिनेशन-आधारित प्रक्रिया में क्रिप्टो या रियल एस्टेट निवेश की आवश्यकता नहीं होती।
कैसे करें आवेदन?
नॉमिनेशन प्रक्रिया के तहत आवेदन करने से पहले, एक बैकग्राउंड चेक किया जाता है जिसमें एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग स्कैन, सोशल मीडिया एक्टिविटी और आपराधिक रिकॉर्ड की जांच शामिल है। इसके अलावा, यह भी देखा जाता है कि आवेदक व्यापार, विज्ञान, संस्कृति या किसी पेशेवर क्षेत्र में यूएई को क्या योगदान दे सकता है।
इसके बाद सरकार तय करती है कि वीज़ा दिया जाए या नहीं। आवेदन करने वाले व्यक्ति को अपने देश से ही प्री-अप्रूवल मिल सकता है और इसके लिए दुबई आने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
निष्कर्ष
₹23 लाख में वीज़ा की खबर भले ही आकर्षक लगे, लेकिन सच्चाई यह है कि यह सिर्फ प्रारंभिक चरण हो सकता है। असल गोल्डन वीज़ा पाने के लिए योग्यता, अनुभव और यूएई की अर्थव्यवस्था में योगदान सबसे अहम भूमिका निभाते हैं।
तो अगर आप यूएई में दीर्घकालिक रूप से रहना चाहते हैं, तो केवल पैसे नहीं, आपके टैलेंट और योगदान की भी वैल्यू है|

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